स्वास्थ्य में सुधार होता न देख लगभग एक सप्ताह पहले उन्हें एयर एंबुलेंस के द्वारा भोपाल लाया गया था। यहां चिरायु कोविड केयर सेंटर में उनका इलाज चल रहा था। जहां उनकी तबियत लगातार बिगड़ती चली जा रही थी। जिसके बाद रविवार को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
बृजेप्द्र सिंह राठौर कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक थे। दमोह उपचुनाव जितवाने की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें के कंधों पर डाली थी। लेकिन चुनाव के दौरान ही 15 अप्रैल को दमोह में उन्हें कोरोना संक्रमित पाया गया था। बाद में इलाज के लिए उन्हें झांसी के एक निजी अस्पताल में एडमिट करवाया गया था।
लेकिन वहां स्वास्थ्य में सुधार न होता देख पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात कर 24 अप्रैल को उन्हें भोपाल में एडमिट करवाने को कहा था। जिसके बाद उन्हें एयर एंबुलेंस से भोपाल लाया गया था।
बृजेंद्र सिंह राठौर को राजनीति विरासत में मिली थी और उनके पिता अमर सिंह राठौर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और स्वतंत्रता सेनानी भी रह चुके हैं। इसलिए बृजेन्द्र को राजनीति विरासत में मिली थी। बृजेन्द्र ने हायर सेकेंड्री पास करने के बाद 1980 में राजनीति में कदम रख दिया था।
सबसे पहले वे जिला युवक कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए उसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1981 में पृथ्वीवपुर से जनपद पंचायत के अध्यक्ष चुने गए। उसके बाद एक बार फिर जनपद पंचायत अध्यक्ष रहे। 1993, 1998 में वे लगातार दो बार निवाड़ी विस सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए।
2003 में कांग्रेस की टिकट पर निवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव जीते। 2008 में वे फिर विधायक बने। 2013 में उन्हें भाजपा की अनीता नायक से हार का सामना करना पड़ा था। अपने पीछे वे पत्नी मीरा बेटे नितेन्द्र सिंह को छोड़ गए हैं।
सीएम और पूर्व सीएम सहित कई लोगों ने जताया शोक :
उनके निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, भाजपा के गोपाल भार्गव सहित भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं ने शोक जताया है।