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पर्यावरण को बचाने धान के भूसे की प्लेट और कटोरी, नीलगिरी की लकड़ी की चम्मच 

सिंगल यूज प्लास्टिक प्रोडक्ट जैसे पॉलिथीन, डिस्पोजल प्लेट, कटोरी, चम्मच और गिलास के कारण रोजाना हजारों मीट्रिक टन कचरा इकट्‌ठा होता है और इस कचरे को आसानी से नष्ट भी नहीं किया जा सकता है। क्योंकि प्लास्टिक को पूरी तरह खत्म होने में 500 साल से भी ज्यादा का समय लगता है। ऐसे में प्लास्टिक के कचरे को या तो लैंडफिल साइट पर दफना दिया जाता है।

या फिर इसे सड़कों को बनाने में या फिर रिसाइकल करके फिर से उपयोग किया जाता है। ऐसे में इनसे सैकड़ों साल तक प्रदूषण होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में इन प्रोडक्ट्स को पूरी तरह दरकिनार कर हम बाजार में मिलने वाले ईको फ्रेंडली प्रोडक्ट को अपनाकर प्लास्टिक से होने वाले कचरे से पूरी तरह मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।

भूसे की प्लेट-कटोरी, नीलगिरी की चम्मच : 
जब StackUmbrella टीम ने बाजार का रुख किया तो हमको कई ऐसे प्रोडक्ट मिले, जो न केवल ईकोफ्रेंडली हैं। बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के लिए आजकल बाजार में धान के भूसे से बनी हुई प्लेट और कटोरियां (Straw Plate and bowl) विशेष रूप से उपलब्ध हैं। इसके अलावा नीलगिरी (Eucalyptys Spoon) और चीड़ की लकड़ी से बनी चम्मच (Pine Spoon) भी और बांस की स्ट्रा भी बाजार में मौजूद हैं।


जहां धान के भूसे से बनी प्लेट और कटाेरी को उपयोग होने के बाद जानवरों के चारे के रूप में उपयोग किया जा सकता है। वहीं बांस के बने स्ट्रा का उपयोग कई बार किया जा सकता है। जहां प्लास्टिक के उत्पादों को नष्ट होने में 500 साल से ज्यादा का समय लगेगा। वहीं भूसे की प्लेट को जानवर खा सकते हैं या ये 10 दिन में अपने आप डिकम्पोस हो जाती है।

प्लास्टिक के कंघे और टूथब्रश से भी मुक्ति : 
प्लास्टिक के कंघे और टूथब्रश काे भले ही हम कई बार उपयोग करते हों, लेकिन इन्हें भी पूरी तरह खत्म होने में 500 साल से ज्यादा का समय लगेगा। ऐसे में इनसे मुक्ति के लिए लकड़ी के बने टूथब्रश ( Wooden Toothbrush) और कंघे (Wooden Comb) भी बाजार में मौजूद हैं। इन्हें उपयोग करने के बाद इन्हें कचरे में फेंक दिया जाए तो ये अपने आप ही डिकम्पोस हो जाते हैं।


प्लास्टिक के टूथब्रश और कंघे का कुछ महीने उपयोग करने के बाद इन्हें फेंक दिया जाता है। ऐसे में लकड़ी के कंघे और टूथब्रश का उपयोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति अच्छा कदम हो सकता है। वहीं इसके अलावा पलाश के पत्तों की प्लेट और कटोरियां भी बाजार में उपलब्ध हैं। 

खादी का झोला लगाएगा पॉलिथीन पर लगाम : 
पॉलिथीन का उपयाेग रोकने के लिए बाजार में खादी का झोला भी मौजूद है। ये झोले कीमत में काफी किफायती और मजबूत होते हैं। बाजार में आजकल सब्जी वाला झोला भी मौजूद है, जिसमें अलग अलग सब्जियों का रखने अलग अलग खंड बने होते हैं। वहीं बैनर का उपयोग करने के बाद उसका भी झोला बनाया जा रहा है।


इसके अलावा जूट का बना झोला भी मौजूद है, जिसे ईकोफ्रेंडली प्रोडक्ट के तौर पर उपयोग किया जा सकता है। इन प्रोडक्ट के प्रचार प्रसार में लगे पर्यावरणविद आनंद पटेल बताते हैं कि जहां प्लास्टिक का कचरा 500 साल में नष्ट होगा। वहीं से प्रोडक्ट आसानी से कुछ ही दिनों में नष्ट हो जाते हैं।

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