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पुरानी बीमारियों में भी लाभकारी है बेल, जानिए ऐसे 6 रोग जो बेल के सेवन से हो जाएंगे ठीक 

बेल (Wood Apple) एक बहुत ही प्राचीन वृक्ष है। इसका जिक्र कई भारतीय ग्रंथों और आयुर्वेद (Aayurveda) में भी मिलता है। बेल को प्राचीन ग्रंथों दिव्य वृक्ष कहा गया है। माना जाता है कि इस वृक्ष में लगे हुए पुराने पीले पड़े हुए फल, एक साल बाद फिर से हरे होने लगते हैं। इसके पत्ते टूटने के बाद भी 6 महीने तक हरे बने रहते हैं। 

बेल का उपयोग कई रोगों की रोकथाम में किया जाता है। माना जाता है कि यह मुख्य रूप से सभी तरह के विकारों में उपयोगी सिद्ध हाेता है। इसका उपयोग बदहजमी, दस्त, मूत्र रोग, पेचिश, डायबिटीज, ल्यूकोरिया में विशेष तौर पर किय जाता हैं। इसके अलावा पेट दर्द, हृदय विकार, पीलिया, बुखार, आंखों के रोग में भी बेल के फल का सेवन करने से लाभ मिलता है।

इसके फल गोलाकार या अण्डाकार, भूरे या पीले रंग का होते हैं। फल के छिलके कठोर और चिकने होते हैं। इसके बीज 10-15 के समूह में छोटे, सफेद एवं चिकने होते हैं। बेल के पेड़ में फूल और फलकाल फरवरी से जुलाई तक होता है।

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आइए जानते हैं विभिन्न बीमारियों में बेल के फल का प्रयोग कैसे किया जाता है,
1. हृदय रोग में :
छिले हुए बेल के फल को कुछ मात्रा में घी के साथ मिला लें। हृदय की बीमारी और अटैक से बचने के लिए इस मिश्रण को अपने रोजाना के आहार में मिलाएं। इससे ब्लड ग्लूकोस का स्तर 54% कम हो जाता है।

2. गैस्ट्रिक अल्सर में : 
गैस्ट्रिक अल्सर (Gastric Ulcer) म्यूकोसा के स्तर के असंतुलित होने की वजह से या गैस्ट्रिक ट्रैक्ट में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की वजह से बनता है। बेल के शरबत में मौजूद फेनोलिक घटक एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो गैस्ट्रिक अल्सर को दूर करते हैं।


3. कोलेस्ट्राॅल को नियंत्रित करने में :
बेल का शरबत कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है और ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। बेल शरबत ट्राइग्लिसराइड्स, सीरम और टिश्यू लिपिड प्रोफाइल को नियंत्रित करता है।

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4. फंगल और वायरल संक्रमण को नियंत्रित करने में : 
बेल के शरबत में एंटीमाइक्रोबैक्टीरियल गुण होते हैं। बेल में से निकला जूस फंगल और वायरल संक्रमण (Fungal and Viral Infection) को नियंत्रित करने में मदद करता है।

5. सूजन को कम करने में : 
बेल शरबत में सूजनरोधी गुण होते हैं, जिन्हें हिस्टामाइन को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह अंगों में आयी सूजन को भी आराम देता है और उन्हें ठीक करने में मदद करता है।

6. पेट को साफ करने में : 
बेल के फलों का शरबत कब्ज और पेट के दर्द को दूर करता है। इसमें लैक्साटिव के गुण होते हैं जो आँतों को साफ और टोन करते हैं। दो से तीन महीने तक इस शरबत को पीने से पुरानी कब्ज से आपको छुटकारा मिलेगा।

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